असमंजस में ओलंपिक समिति
२१ फ़रवरी २०१४सोची विंटर ओलंपिक के समापन से पहले ही यूक्रेन का राजनीतिक संकट खेल गांव के माहौल पर छाने लगा है. यूक्रेन की टीम के दो सदस्य हिंसा के विरोध में मैदान पर नहीं आए. अल्पाइन स्कीइंग खिलाड़ी और उनके कोच पिता ने कहा कि यूक्रेन में जिस तरह से प्रशासन ताकत का दुरुपयोग कर रहा है, सोची में वो सबके सामने इसका विरोध करते हैं.
अब ऐसी भी चर्चा है कि यूक्रेन के खिलाड़ी अपने देश में हो रही हिंसा के विरोध में बांह में काले रंग की पट्टी बांध सकते हैं. अगर ऐसा हुआ तो ये अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति के नियामावली के खिलाफ होगा. आईओसी की नियमावली के नियम 50 के उपधारा के मुताबिक खिलाड़ियों की पोशाक में, "किसी तरह का विज्ञापन या प्रोपेगंडा" नहीं होना चाहिए.
आईओसी के नए अध्यक्ष थोमास बाख बार बार कह चुके हैं कि खेलों को राजनीतिक विरोध का अखाड़ा नहीं बनाया जाना चाहिए. यूक्रेन की ओलंपिक समिति के मुताबिक आईओसी ने उनके एथलीटों को काली पट्टी बांधने की इजाजत नहीं दी है. हालांकि आईओसी के प्रवक्ता मार्क एडम्स ने यह जरूर कहा है कि विरोध जताने के लिए दूसरे कदम उठाए जा सकते हैं.
यूक्रेन में चल रहे सरकार विरोधी प्रदर्शन में अब तक 100 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. 70 से ज्यादा लोग तो इसी हफ्ते मारे गए. यूक्रेन में पिछले साल नवंबर से सरकार विरोधी प्रदर्शन शुरू हुए. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि रूस यूक्रेन की राजनीति में दखल दे रहा है और राष्ट्रपति विक्टर यानुकोविच मॉस्को के मोहरे की तरह काम कर रहे हैं.
आरोप है कि रूस के दबाव में यानुकोविच यूक्रेन को यूरोपीय संघ से दूर कर रहे हैं. रूस की इस राजनीति के विरोध में यूरोप के कई राष्ट्रप्रमुख ओलंपिक खेलों के उद्धाटन समारोह से भी दूर रहे.
ओएसजे/एमजे (एएफपी)