अराफात पहाड़ी से शुरू हुई हज
१५ नवम्बर २०१०इस्लाम को मानने वाले हर इंसान की सबसे बड़ी ख्वाहिश हज करना होता है. जिंदगी के इस मकसद को पूरा करने के लिए दुनिया भर से पंहुचे लगभग 20 लाख हाजी देर रात से ही अपने कैंप से निकलकर मीना घाटी में सोमवार तड़के पांच बजे से ही जुटना शुरू हो गए. कैंपों में वही हाजी रह गए जो बुढ़ापे या बीमारी के चलने से लाचार हैं. इन सभी को दोपहर तक बसों के जरिए अराफात ले जाया जाएगा.
पौ फटने से पहले ही मीना घाटी से कतारबद्ध लोगों का हुजूम छह मील दूर उत्तर पश्चिम में स्थित अराफात पहाड़ी की ओर धीरे धीरे बढ़ने लगा. अधिकांश लोगों ने अराफात जाने से पहले मीना में मौजूद नमीरा मस्जिद में नमाज अदा की.
सुबह होते होते अराफात की सबसे ऊंची चोटी जबाल अल रहमा दूर से ही सफेद दिखने लगी. इस पर सफेद लिबास में हजारों हाजी जमा हो चुके थे. फिसलन भरी इस पहाड़ी पर हाजियों का हुजूम आज का पूरा दिन खुदा की इबादत में बिताएगा. अधिकांश हाजी जो जबाल अल रहमा की ऊंचाई पर पंहुचने में लाचार हैं वे अराफात के समतल इलाके से ही इबादत कर रहे हैं.
हज के दौरान अराफात और खास तौर से जबाल अल रहमा पर पंहुचना सबसे अहम माना जाता है. इसी जगह पर पंहुच कर पैगम्बर मोहम्मद ने अपनी अंतिम हज यात्रा पूरी की थी. हालांकि पड़ोसी शहर मक्का में हाजियों के जमा होने के साथ ही हज यात्रा की औपचारिक शुरूआत हो जाती है. लेकिन मजहबी कायदों के मुताबिक पांच दिन चलने वाली हज की शुरूआत मीना से अराफात पंहुचने पर ही होती है.
सूरज ढलने पर हाजी अराफात से वापस लौटेंगे और मीना के आधे रास्ते में पड़ने वाले मुजदालिफा में रात बिताएंगे. मंगलवार को ये लोग मीना वापस लौट आएंगे. यहां पर शैतान को पत्थर मारने और फिर कुरबानी की रस्म शुरू होगी. इसके बाद बाकी के तीन दिन हज के खत्म होने तक मक्का में स्थित पवित्र स्थल काबा की परिक्रमा के साथ शैतान को पत्थर मारने का सिलसिला चलता रहेगा.
सऊदी अरब के गृह मंत्री प्रिंस नाएफ बिन अब्दुल अजीज ने बताया कि इस साल हज यात्रा में 18 लाख तीर्थयात्री विदेशों से और दो लाख सऊदी अरब सहित अन्य खाड़ी देशों से पंहुचे हैं. हालांकि उन्होंने कानूनी प्रक्रिया पूरी किए बिना हज पर पंहुचे हाजियों की हकीकत से इंकार नहीं किया. अजीज ने बताया कि नो परमिट नो हज की नीति को कामयाब बनाने के लिए मक्का के रास्ते में कई चेकपोस्ट बनाए गए हैं. जिनमें हाजियों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है.
मक्का में हाजियों के जुटने के साथ ही शुरू हुई हजयात्रा में इस साल अब तक कोई भी अनहोनी न होना सबसे राहत की बात रही. इससे पहले बीते सप्ताह शुक्रवार को मक्का की सबसे बड़ी मस्जिद में भी लगभग 17 लाख लोगों ने जुमे की नमाज अदा की. अजीज ने बुधवार को हज यात्रा के दौरान अल कायदा के हमले की आशंकाओं से इंकार नहीं किया था.
रिपोर्टः एजेंसियां/निर्मल
संपादनः उज्ज्वल भट्टाचार्य