अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज
२८ सितम्बर २०१०इलाहाबाद हाई कोर्ट इस मामले में पिछले हफ्ते 24 सितंबर को ही फैसला सुनाने वाला था. लेकिन इससे ठीक एक दिन पहले सुप्रीम कोर्ट ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसले पर हफ्ते भर की रोक लगा दी. अदालत ने रमेशचंद्र त्रिपाठी की याचिका सुनने के बाद दोनों पक्षों को आपसी रजामंदी बनाने का मौका दिया है.
सरकार ने दोनों पक्षों से अपील की है कि अगर बातचीत से मामला सुलझ जाए तो सबसे अच्छा वर्ना अदालत के फैसले को मानने के लिए तैयार रहना चाहिए. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कहा कि हम लोग कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं. "इस मामले में दो ही विकल्प हैं. दोनों ही विकल्प कांग्रेस और सरकार को मान्य हैं."
अयोध्या की जमीन की मिल्कियत का मामला 1949 से चल रहा है और भारत के सबसे पुराने मुकदमों में एक है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड और अखिल भारत हिंदु महासभा इसमें पक्षकार हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने 28 सितंबर को अपने फैसले के दौरान सरकार के सर्वोच्च वकील अटॉर्नी जनरल ई वाहनवति को अदालत में हाजिर रहने को कहा है. हो सकता है कि अदालत कुछ मामलों में सरकार से सफाई मांगे. भारत के मुख्य न्यायाधीश एसएच कपाड़िया, जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस आरसी त्रिपाठी की खंडपीठ आज इस मामले की सुनावाई करने वाली है.
पिछले हफ्ते जब सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे को हफ्ते भर के लिए टाल दिया, तो भारत के कानून मंत्री वीरप्पा मोइली और वाहनवति ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मुलाकात की. समझा जाता है कि तब अयोध्या मुद्दे पर चर्चा हुई.
रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल
संपादनः एन रंजन