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अमेरिकी प्रतिबंधों पर आया रूस का कड़ा जवाब

२८ जुलाई २०१७

प्रस्तावित प्रतिबंधों पर प्रतिक्रिया स्वरूप रूसी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका से कहा है कि वह रूस में अपने डिप्लोमैट्स की संख्या को कम करे.

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Moskau US Botschaft Gebäude
तस्वीर: Getty Images/AFP/K. Kudryavtsev

मॉस्को का आरोप है कि अमेरिका का रूस के खिलाफ प्रतिबंधों को बढ़ाना अंतरराष्ट्रीय पटल पर उनकी "चरम आक्रामकता" को दिखाता है. रूसी विदेश मंत्रालय ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पास हुए प्रस्तावों की प्रतिक्रिया देते हुए रूस में तैनात अमेरिकी डिप्लोमैटिक स्टाफ की संख्या को कम कर 455 करने को कहा है. अमेरिका में भी इतने ही रूसी कूटनीतिक कर्मचारी तैनात हैं. अगर आगे चलकर अमेरिका अपने यहां से रूसी डिप्लोमैट्स को हटाता है, तो रूस भी उसका बिल्कुल वैसा ही उत्तर देगा.

इसके अलावा, रूसी प्रशासन ने अमेरिकी डिप्लोमैट्स से मॉस्को का एक गोदाम और मॉस्को के बाहर स्थित एक हॉलीडे होम भी वापस लेने का फैसला किया है. अमेरिकी प्रतिबंध को "उनके आंतरिक मामलों में रूसी दखल के पूरी तरह से आधारहीन आरोपों" से प्रेरित बताते हुए इसे "दूसरे देशों के हितों और स्थिति की सरासर अनदेखी" बताया है.

यूरोप के साथ संबंधों पर अमेरिकी 'ब्लैकमेल'

अमेरिकी कांग्रेस के दोनों चैंबरों में इन प्रतिबंधों को सहमति मिल चुकी है. इन नये प्रतिबंधों का सीधा असर रूस के ऊर्जा सेक्टर और रूसी अर्थव्यवस्था के लिए अन्य अहम हिस्सों पर पड़ेगा. इस बैन को लेकर यूरोप में भी चिंता है क्योंकि जर्मनी समेत कई यूरोपीय देशों की कंपनियां रूस में इन सेक्टरों में काम कर रही हैं. इस तरह रूस पर बैन का असर इन यूरोपीय अर्थव्यवस्थाओं में भी महसूस होगा.

जर्मन विदेश मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि औद्योगिक नीतियों को प्रभावित करने वाले रूस के खिलाफ ऐसे अमेरिकी प्रतिबंधों को बर्लिन "स्वीकार नहीं कर सकता." यूरोपीय संघ के कमिश्नर युंकर ने भी बैन के यूरोप के "ऊर्जा सुरक्षा हितों" पर बुरा असर डालने का खतरा जताया. युंकर ने कहा कि ऐसा होने पर यूरोपीय ब्लॉक भी इनका समुचित जवाब देने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा, "अमेरिका फर्स्ट का यह मतलब नहीं कि यूरोप के हित आखिर में आएंगे."

इस कदम को अमेरिकी "ब्लैकमेल" बताते हुए रूसी विदेश मंत्रालय ने आरोप लगाया कि अमेरिका इस तरह रूस के अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ सहयोग पर खतरा पैदा कर रहा है.

क्या करेंगे ट्रंप

अमेरिकी कांग्रेस का दबाव झेल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के पास यह प्रस्ताव हस्ताक्षर के लिए पहुंचेगा. वे चाहें तो इसे वीटो कर सकते हैं और वापस कांग्रेस को भेज सकते हैं. लेकिन इसकी बहुत कम ही संभावना है कि सांसद इस फैसले को बदलने वाले हैं. इस प्रस्ताव में यह नियम भी जोड़ा गया है कि रूस के खिलाफ प्रतिबंध हटाने से पहले ट्रंप को कांग्रेस से अनुमति लेनी होगी. रूस पर अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप के आरोप हैं. इन्हीं आरोपों के चलते रूस पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी हो रही है.

आरपी/ओएसजे (एएफपी, रॉयटर्स)