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अमेरिकी चिंता से न्यूक्लियर लॉ नहीं बदलेगा

१३ अक्टूबर २०१०

भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने साफ शब्दों में कहा है कि सिविल न्यूक्लियर लॉ में किसी तरह का बदलाव नहीं किया जाएगा. कृष्णा ने कहा कि अमेरिकी कंपनियों की चिंता के कारण इस कानून को बदला नहीं जाएगा.

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परमाणु आपूर्तिकर्ताओं के दायित्व को लेकर अमेरिकी कंपनियां चिंता जाहिर कर रहीं हैं. भारत के विदेश मंत्री ने कहा, "इसमें सुधारों का कोई सवाल कभी था ही नहीं. हमने उन्हें साफ कर दिया है कि किन हालात में बिल पास हुआ है और हमें कानून के मापदंडों के हिसाब से काम करना होगा."

उन्होंने कहा कि अमेरिका भी जानता है कि लोकंतत्र की संसदीय प्रणाली में बिल कानून में बदलता है. विदेश मंत्री पत्रकारों के इन सवालों का जवाब दे रहे थे कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की पहली भारत यात्रा से पहले क्या असैनिक परमाणु जवाबदेही कानून में किसी तरह के सुधार की योजना है. इस कानून के तहत परमाणु दुर्घटना की स्थिति में तकनीक आपूर्तिकर्ता की जिम्मेदारी तय की जाती है.

जो अमेरिकी कंपनियां भारत के साथ परमाणु क्षेत्र में व्यापार करना चाहती हैं, उन्होंने वर्तमान बिल के मसौदे पर चिंता जताई है. कृष्णा ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन की भारत यात्रा के दौरान भारत ने उन्हें इस विषय पर काफी कारण बताए हैं. "तो वे भारत की स्थिति समझ सकते हैं." कृष्णा ने कहा कि असैनिक परमाणु समझौता पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज बुश के समय में किया गया था और वर्तमान राष्ट्रपति बराक ओबामा भी चाहते हैं कि दोनों देश परमाणु क्षेत्र में आगे भी काम करते रहें.

G20 Gipfel Manmohan Singh mit Obama
अगली बैठक दिल्ली में होगीतस्वीर: AP

भारत की विदेश सचिव निरुपमा राव ने कहा, "परमाणु जवाबदेही कानून में एक दो बिंदुओं पर हम शंकाओं का समाधान कर सके हैं. इन बिंदुओं पर कंपनियों और न्यूक्लियर पॉवर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के बीच बातचीत होगी. हम बिल में सुधारों की बात नहीं कर रहे हैं, बिलकुल नहीं. मुझे नहीं लगता कि आप ऐसा सोचें कि हम बिल के बाहर जा कर कुछ चीजें तय करने की कोशिश कर रहे हैं. हमारा लक्ष्य उनसे बातचीत करने का है, बिल में सुधार करने का नहीं."

अमेरिकी राष्ट्रपति की भारत यात्रा के दौरान द्विपक्षीय, वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर बातचीत होगी. रक्षा, कृषि, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई सहित कई विषयों पर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बीच बातचीत होनी है.

रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम

संपादनः ए कुमार

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