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अमेरिका चाहता है असद सेना पर सीधा वार

१७ जून २०१६

अमेरिका के कुछ राजनयिकों ने कहा है कि अमेरिका को सीरिया के सरकारी सैनिकों के खिलाफ हमला करना चाहिए. अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट के दस्तावेजों से इसका पता चला है.

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Syrien Luftangriff F-18 Anti-IS Koalition
तस्वीर: picture-alliance/dpa/US Air Force

अमेरिका के गोपनीय "डिसेंट चैनल" केबल से पता चला है कि कई डिप्लोमैट सीरिया में पांच सालों से जारी हिंसक संघर्ष की समाप्ति के लिए राष्ट्रपति बशर अल-असद के शासन को खत्म करना चाहते हैं. रूसी सेना को सीरिया में अमेरिका समर्थित मिलिशिया पर बमबारी के दौरान यह जानकारी मिली. सीरिया में रूस असद के शासन का समर्थन करता है.

अमेरिकी दैनिक न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट में लिखा है कि इस केबल में अमेरिकी अधिकारियों की ओर से सीरिया में "गतिरोध और हवाई हथियारों के विवेकपूर्ण इस्तेमाल" से हमले करने की मांग की गई है.

Karte Syrien Palmyra Englisch

एक ओर अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा अब तक ऐसी किसी भी कार्रवाई करने से परहेज करते आए हैं. वहीं दूसरी ओर वॉशिंगटन के ही दूसरे हिस्सों में सामने आती ऐसी मांग से खलबली मची है. रूस को साथ लेकर सीरिया में युद्धविराम की स्थिति को लागू कराने के समझौते को पूरी तरह अमल करने में सफलता नहीं मिली है. ना ही अब तक सीरिया में किसी तरह के राजनीतिक बदलाव को कोशिशें सफल हो सकीं हैं.

पेंटागन की जानकारी के अनुसार, असद के मित्र रूस-समर्थित सेना ने दक्षिण सीरिया में हमले जारी रखे हैं. अमेरिका को रूस के इन हमलों से सीरिया में उसके इरादों पर संदेह हो रहा है. वह रूस से इन हरकतों के बारे में सफाई मांगना चाहता है.

सार्वजनिक रूप से अमेरिका और रूस दोनों ने मिल कर सीरिया संकट का हल निकालने के प्रयास करने की प्रतिबद्धता जताई थी. वे असद और विपक्षी गुटों के बीच बातचीत से कोई रास्ता निकालने के लिए तैयार करना चाहते हैं. लेकिन रूस के वाकई ऐसा करने की मंशा पर अमेरिका को हमेशा शक रहा है.

रूस के उप विदेश मंत्री बोग्दानोव ने अमेरिका की इस मांग की निंदा करते हुए कहा है कि सीरिया में असद की सेना पर हमले करना "यूएन द्वारा पारित प्रस्तावों के विरुद्ध" है. उन्होंने कहा, "हमें बातचीत करने और किसी ऐसे राजनैतिक समाधान पर पहुंचने की जरूरत है जो अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुसार हो. यह यूएन सुरक्षा परिषद के अनुसार होना चाहिए."

आरपी/ओएसजे (एएफपी)