अब कहां करेंगे ये प्रदर्शन ...
दिल्ली का जंतर-मंतर बेशक एक ऐतिहासिक धरोहर है लेकिन आम जीवन में इसे विरोध-स्थल के रूप में भी बड़ी पहचान मिली है. स्थानीय लोगों की असुविधाओं को देखते हुए अब यहां होने वाले प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है.
विरोध के स्वर
जंतर-मंतर को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उस वक्त ख्याति मिली जब साल 2011 में सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने भ्रष्टाचार के खिलाफ यहीं से मोर्चा खोला. हजारे इसी जंतर-मंतर पर प्रदर्शन करने बैठे थे. इसके बाद साल 2012 में हुए निर्भया कांड के बाद भी यहां तमाम आवाजें उठीं.
शराब पर प्रतिबंध की मांग
जंतर-मंतर सिर्फ हाई-प्रोफाइल विरोध प्रदर्शनों का ही ठिकाना नहीं है बल्कि यहां सब अपने सुर बुलंद कर सकते हैं. तस्वीर में नजर आ रहे द्रविड़ राज, सेना के रिटायर्ड अधिकारी हैं जो देश भर में शराब प्रतिबंध की मांग कर रहे हैं.
मोदी से शादी
हाल में राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण ने आदेश दिया कि विरोध-स्थल को जंतर-मंतर से लेकर रामलीला मैदान ले जाया जाए क्योंकि यहां होने वाले प्रदर्शनों के शोर से स्थानीय लोगों को असुविधा होती है. इसका मतलब है कि अब प्रधानमंत्री मोदी से शादी करने की इच्छुक 40 साल की ओम शांति शर्मा को भी नयी जगह जाना होगा.
मरे आदमी का विरोध
तस्वीर में नजर आ रहे 36 साल के संतोष मूर्त सिंह बड़ी ही अजीब समस्या लेकर जंतर-मंतर पहुंचे हैं. संतोष को 12 साल पहले आधिकारिक रूप से मृत घोषित कर दिया गया था और उनकी सारी संपत्ति उनके रिश्तेदारों ने बेच दी. जिसके बाद अब संतोष "मैं जिंदा हूं" की तख्ती लिए यहां विरोध जता रहे हैं ताकि मीडिया उनकी समस्या को सामने ला सके.
गांधी के अनुयायी
तस्वीर में नजर आ रहे ये दोनों व्यक्ति स्वयं को महात्मा गांधी का अनुयायी बताते हैं. गांधी के अहिंसावादी सिंद्धातों को मानने वाले ये दोनों व्यक्ति गौमांस के उपयोग और बीफ निर्यात के विरोध में पिछले एक साल से प्रदर्शन कर रहे हैं.
बना बसेरा
सरकारी नौकरी से बर्खास्त किये गये हनुमंतप्पा जंतर-मंतर में पिछले एक साल से रह रहे हैं. वह अपने पिछले वेतन की मांग कर रहे हैं. अब तक मांगें पूरी नहीं हुई तो हनुमंतप्पा भी यहीं रह गये.
गुरू और शिष्य
ये हैं स्वघोषित गुरू बाबा रामपाल के शिष्य, जो पिछले दो सालों से जंतर-मंतर पर डेरा जमाकर अपने गुरू की रिहाई के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं. रामपाल को साल 2014 में गिरफ्तार किया गया था.