अब ओबामा भारत और चीन के शिक्षा बजट से चिंतित
१६ अक्टूबर २०१०नवंबर में अमेरिकी संसद कांग्रेस के चुनाव में होने हैं. इन चुनावों को ओबामा की अग्निपरीक्षा के रूप में देखा जा रहा है. डेलवेयर में एक चुनावी रैली में ओबामा ने कहा, ''हम एक ऐसा अमेरिका देखते हैं जिसका हर नागरिक दुनिया के किसी व्यक्ति के साथ काम करने के लिए प्रशिक्षित है. लेकिन अन्य लोगों को लगता है कि शिक्षा बजट में 20 फीसदी कटौती करना अच्छा आइडिया होगा. इसके बारे में जरा सोचिए.''
अमेरिकी नेताओं का एक बड़ा धड़ा सरकारी खर्च में कटौती करने के लिए शिक्षा बजट को कम करने की मांग कर रह है. इस पर अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, ''आपको लगता है कि चीन अपने शिक्षा बजट में 20 फीसदी कटौती कर रहा है. क्या दक्षिण कोरिया, भारत या जर्मनी शिक्षा पर अपना खर्च घटा रहे है. ये देश शिक्षा के नाम पर खर्च नहीं घटा रहे हैं, क्योंकि ये देश दूसरे नंबर पर आने के लिए नहीं खेल रहे हैं.''
ओबामा के मुताबिक भारत, चीन, जर्मनी और दक्षिण कोरिया लगातार दुनिया का नंबर एक देश बनने की होड़ में लगे हैं. मतदाताओं के सामने इसे एक चुनौती की तरह रखते हुए ओबामा ने कहा, ''क्या हमें दूसरे स्थान के लिए खेलना चाहिए. संयुक्त राज्य अमेरिका पहले नंबर के लिए खेलेगा.''
वैसे बीते कुछ महीनों से ओबामा अमेरिकी शिक्षा तंत्र को लेकर पहले से ज्यादा चिंतिंत दिखाई पड़ रहे हैं. राष्ट्रपति को लगातार यह डर सता रहा है कि भारत, चीन और जर्मनी जल्द ही अमेरिकी को शीर्ष से नीचे धकेल देंगे. ओबामा के मुताबिक ये तीनों देश शिक्षा को लेकर गंभीर हैं, वहीं अमेरिकी छात्र और सरकार किसी और ही दुनिया में हैं. वह पहले ही कह चुके हैं कि अमेरिकी छात्र और स्कूल भारत और चीन से कहीं पीछे हैं.
रिपोर्ट: पीटीआई/ओ सिंह
संपादन: ए कुमार