अफ्रीकी पक्षियों के रिश्तेदार हैं कीवी
२३ मई २०१४मेडागास्कर के एलिफैंट बर्ड एक हजार साल पहले ही लुप्त हो चुके हैं. दस फीट ऊंचे इन पक्षियों का वजन करीब 250 किलोग्राम था. वैज्ञानिकों ने पाया है कि कीवी का डीएनए इनसे मेल खाता है. दरअसल कीवी उन चुनिंदा पक्षियों में शामिल हैं जो उड़ नहीं सकते और वैज्ञानिक इसी गुत्थी को सुलझाने में लगे हैं कि ऐसा कब और कैसे हुआ कि पक्षियों की उड़ने की क्षमता कम होने लगी. उन्होंने पाया कि एलिफैंट बर्ड भी खूब वजनदार होने के कारण उड़ नहीं पाते थे.
अब तक वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि ना उड़ने वाले पक्षी जैसे कीवी, एमु और शुतुरमुर्ग का विकास 13 करोड़ साल पहले हुआ, जब धरती पर मौजूदा महाद्वीप बने. लेकिन ताजा शोध बताता है कि ऐसा 6 करोड़ साल पहले हुआ. यह वह समय था जब धरती से डायनासोर खत्म हो गए थे लेकिन स्तनपाइयों का विकास नहीं हुआ था. उस समय जिन पक्षियों का विकास हुआ वे मुर्गों के आकार के थे. नई रिसर्च में बताया गया है कि कुछ पक्षी उड़ कर दूसरे महाद्वीपों पर चले गए और बाद में उनका वजन बढ़ने लगा और वे वहीं रह गए.
कीवी के रिश्तेदार
इस रिसर्च को करने वाले ऑस्ट्रेलिया के एलेन कूपर कहते हैं कि डीएनए के नतीजों ने उन्हें काफी हैरान किया. कीवी और एलिफैंट बर्ड के आकार में इतना फर्क होता है कि उन्होंने इस तरह के नतीजों की बिलकुल भी उम्मीद नहीं की थी, "150 सालों से यह हमारे लिए रहस्य बना हुआ था. बहुत सी बातें सोची गई पर इस बारे में कभी ख्याल भी नहीं आया. दोनों तरह के पक्षी भूगोल, आकृति और पारस्थितिकी के हिसाब से बिलकुल अलग अलग हैं."
दो साल पहले कूपर और उनके साथियों ने ही रिसर्च कर के बताया था कि कीवी और एमु के डीएनए मेल खाते हैं. यहीं से यह धारणा बनी थी कि कीवी ऑस्ट्रेलिया से आए. कूपर कहते हैं कि ताजा नतीजे बताते हैं कि एमु कीवी के दूर के रिश्तेदार हैं "लेकिन एलिफैंट बर्ड तो उनके भाई बहन जैसे हैं."
एलिफैंट बर्ड का एलिफैंट यानि हाथी से क्या नाता है, इस बारे में कूपर बताते हैं कि अरबी भाषा की एक कहावत के अनुसार लोगों ने जब उस पक्षी को देखा तो वह इतना खतरनाक लगा कि लोग कहने लगे कि वह अपने पंजे से हाथी को उठा सकता है. यहीं से उसे एलिफैंट बर्ड नाम मिल गया. पर साथ ही वह कहते हैं कि इस किस्से की कोई पुष्टि नहीं हो सकती. कूपर का मानना है कि ऐसा मुमकिन है कि उस जमाने में इंसानों ने उनका इतना शिकार किया कि वे लुप्त हो गए.
आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)