1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अनवर इब्राहिम को सजा

७ मार्च २०१४

मलेशिया की एक अदालत ने विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम को सोडोमी का दोषी पाते हुए जेल की सजा सुनाई है. अनवर के समर्थकों का कहना है कि फैसला राजनीति से प्रेरित है.

https://p.dw.com/p/1BLku
तस्वीर: AHMAD YUSNI/AFP/Getty Images

मलेशिया की एक अदालत ने विपक्षी नेता अनवर इब्राहिम को सोडोमी का दोषी पाते हुए पांच साल की सजा सुनाई है. सजा के एलान के साथ ही न्यायालय ने अनवर के स्थानीय चुनाव लड़ने के इरादों पर पानी फेर दिया है. वर्तमान प्रधानमंत्री नजिब रजक की सरकार के लिए अनवर सबसे बड़ा खतरा हैं. नजिब की लोकप्रियता पिछले दो चुनावों में घटी है. मुस्लिम बहुल मलेशिया में सोडोमी यानि गुदा मैथुन गैर कानूनी है. अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों का कहना है कि कानूनी कदम राजनीति से प्रेरित है. 66 वर्षीय अनवर ने सजा के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत जाने का एलान किया है.

साल 2008 में अनवर पर पुरुष सहयोगी के साथ सोडोमी के आरोप लगे थे लेकिन साल 2012 में हाईकोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया था. सरकार ने इस फैसले को न्यायालय में चुनौती दी थी. अपील न्यायालय के जज बलिया यूसुफ वही ने निचली अदालत के फैसले को गलत करार दिया. अपील न्यायालय की तीन सदस्यीय बेंच ने कहा, "हम सर्वसम्मति से इस अपील को मंजूर करते हैं और हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हैं. हम आरोपी पर लगाए आरोपों के लिए दोषी पाते हैं." दो दिन तक चली सुनवाई में डीएनए सैंपल की शुद्धता ही बहस का मुद्दा था. अभियोजन का कहना है कि डीएनए सैंपल की मदद से ही अनवर पर सोडोमी के आरोप साबित हुए. वहीं बचाव पक्ष का तर्क था कि डीएनए सैंपल के साथ छेड़छाड़ हुई. यह सजा अनवर के खिलाफ चले आ रहे कानूनी अभियान में ताजा घटनाक्रम है. अनवर हमेशा से ही यह कहते आए हैं कि सोडोमी के झूठे आरोप उन पर मढ़े गए हैं.

नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

न्यूयॉर्क स्थित ह्यूमन राइट्स वॉच के फिल रॉबर्टसन ने कहा, "पूरी तरह से यह मुकदमा अनवर को राजनीति से बाहर करने के लिए था. साफ और सरल है कि सरकार को इसके लिए जितने भी जरूरी कदम उठाने थे, उसने उठाए. मलेशिया की न्यायपालिका के इतिहास का आज काला दिन है. हमें यह देखने को मिला कि राजनीतिक मुद्दों में स्वतंत्र और निष्पक्ष सुनवाई मिल पाना कितना मुश्किल है."

अनवर इब्राहिम भ्रष्टाचार और सोडोमी के आरोप में 6 साल जेल की सजा भी काट चुके हैं. साल 2004 में उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था. फैसले के बाद अनवर के समर्थकों ने सोशल मीडिया साइट पर इसकी आलोचना की है. अनवर के समर्थक इस फैसले के खिलाफ सड़कों पर उतरने का मन बना रहे हैं. न्यायालय के बाहर सैकड़ों समर्थक अनवर के समर्थन में नारे लगाते दिखे. समर्थकों ने मांग की है कि उनके नेता को रिहा किया जाए. सरकार द्वारा अपील के लिए लंबी देरी से भी कई लोग दंग है. सरकार की तरफ से अपील ऐसे वक्त में आई है जब अनवर उपचुनाव में खड़े होने वाले हैं. ऐसा माना जा रहा है कि वह चुनाव जीत जाते और सेलेंगोर राज्य के मुख्यमंत्री बन जाते. हालांकि दोषी पाए जाने के बाद वह चुनाव नहीं लड़ सकते हैं.

एए/आईबी (रॉयटर्स, एपी, एएफपी)