अचानक अफगानिस्तान पहुंचे ओबामा
२५ मई २०१४ओबामा ने रविवार को कहा कि सरकार जल्द ही बताएगी कि कितनी सेना अफगानिस्तान में बनी रहेगी. बगराम सैन्य शिविर में उन्होंने कहा, "हम जल्द ही फैसले की घोषणा करेंगे." ओबामा की ये चौथी अफगानिस्तान यात्रा थी. उन्होंने कहा, "मैं यहा सिर्फ एक मिशन के साथ आया हूं और वो कि आपकी सेवा के लिए आपको बहुत बहुत धन्यवाद."
कुछ आलोचकों का मानना है कि ओबामा इस यात्रा के जरिए सैनिकों की नजर में बेहतर बनना चाहते हैं क्योंकि देश में आलोचना हो रही है कि सरकार पूर्व सैनिकों के लिए पर्याप्त और जल्द चिकित्सा नहीं दे रही.
अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में राष्ट्रपति हामिद करजई से मिलने की ओबामा की कोई योजना नहीं थी. करजई सरकार और ओबामा प्रशासन के बीच संबंध इन दिनों तनावपूर्ण चल रहे हैं. अमेरिकी दूतावास ने करजई को एक पत्र में ओबामा से बगराम में मुलाकात करने के लिए आमंत्रित किया था. लेकिन उन्होंने ये आवेदन ठुकरा दिया. करजई के प्रमुख प्रशासनिक अधिकारी अब्दुल करीम खुर्रम ने बताया, "राष्ट्रपति करजाई ने कहा कि अगर वो उनके महल आते हैं तो वे ओबामा का स्वागत करेंगे लेकिन उनसे बगराम मिलने कतई नहीं जाएंगे."
करजई ने अमेरिका के साथ एक समझौते पर साइन करने से इनकार कर दिया था जिसके मुताबिक पूरी तरह अफगानिस्तान छोड़ कर जाने से पहले अमेरिकी सेना का कुछ हिस्सा अफगान सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए वहां रहता.
एएम/एजेए (रॉयटर्स)