1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अगले महीने राजपक्षे की दुबारा ताजपोशी

११ अक्टूबर २०१०

श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे अगले महीने की 19 तारीख को दोबारा शपथ लेंगे. सरकारी समाचार एजेंसी ने यह खबर दी है. कुछ ही महीने पहले देश की सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें सत्ता में एक साल और बने रहने की इजाजत दी.

https://p.dw.com/p/Pao9
महिंदा राजपक्षेतस्वीर: AP

राष्ट्रपति ने अपना पिछला कार्यकाल पूरा होने से दो साल पहले ही चुनाव कराने का एलान कर दिया. इस साल जनवरी में हुए चुनावों में उन्होंने पूर्व सेना प्रमुख सरथ फोन्सेका को हरा कर शानदार जीत दर्ज की. लेकिन तब सुप्रीम कोर्ट ने यह आदेश दिया कि वह अपना दूसरा कार्यकाल 19 नवंबर 2010 से शुरू कर सकते हैं.

हाल ही में श्रीलंकाई संविधान में किए गए 19वें संशोधन के जरिए राष्ट्रपति के लिए दो कार्यकाल की सीमा खत्म कर दी गई. अब दो बार से ज्यादा भी देश का राष्ट्रपति बना जा सकता है. राष्ट्रपति का कार्यकाल तभी से चर्चा का विषय बना हुआ था, जब राजपक्षे ने समय से पहले चुनाव कराने का एलान किया. संविधान के तीसरे संशोधन में इस बात का प्रावधान किया गया कि राष्ट्रपति अपने छह साल के कार्यकाल के चौथे साल में चुनाव कराने का एलान कर सकता है.

राष्ट्रपति के सलाहकार अटॉर्नी जनरल मोहन पेयरिस ने कहा है कि राजपक्षे 19 नवंबर से अपना दूसरा कार्यकाल शुरू कर सकते हैं. यह सवाल उठ रहा था कि क्या राष्ट्रपति नवंबर से अपना दूसरा कार्यकाल शुरू कर सकते हैं. संविधान के तीसरे संशोधन में यह कहा गया कि पहली बार शपथ लेने की तारीख से ही छह साल गिने जाने चाहिए. राजपक्षे को 2005 में 19 नवंबर को चुने गए थे. हालांकि एक समस्या यह भी थी कि राष्ट्रपति ने चुने जाने के 14 दिन बाद शपथ ली और कार्यभार संभाला.

Sri Lanka Anhänger Mahinda Rajapaksa
राष्ट्रवादी लहर का फायदा उठाया राजपक्षे नेतस्वीर: AP

अगर राजपक्षे को नवंबर में शपथ लेने का निर्देश नहीं मिलता, तो उनका शासन केवल 10 सालों के लिए ही होता, क्योंकि तब उनका शपथ ग्रहण फरवरी 2010 में ही हो जाता. संविधान के मुताबिक चुने जाने के 14 दिन के भीतर शपथ लेना होता है. देश के पहले कार्यकारी राष्ट्रपति जेआर जयवर्धने ने अक्टूबर 1982 में चुने जाने के बावजूद फरवरी 1983 में शपथ ली थी.

राजपक्षे ने करीब दो साल तक चली निर्णायक जंग में एलटीटीई का सफाया करने के बाद समय से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराने का फैसला किया. इन चुनावों में राजपक्षे ने अपने प्रतिद्वंद्वी पूर्व सेना प्रमुख सरथ फोन्सेका को भारी अंतर से हराया.

रिपोर्टः एजेंसियां/ एन रंजन

संपादनः ए कुमार

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें