अगले महीने मिल जाएंगे सऊदी में काम करने वालों के पैसे?
८ नवम्बर २०१६सऊदी अरब की आर्थिक और विकास मामलों की परिषद ने दिसंबर 2016 तक प्राइवेट कंपनियों का बकाया चुकाने की बात कही है. इसमें दसियों हजार विदेशी कर्मचारियों का वेतन भी शामिल है जिनमें से ज्यादातर निर्माण क्षेत्र में काम करते हैं. इनमें बड़ी तादाद में भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों के कर्मचारी है. इनमें से कई लोग बिना वेतन ही वापस भारत चले गए हैं और अपना बकाया वेतन हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
सऊदी अरब की सरकारी समाचार एजेंसी ने लिखा है, "परिषद ने समाधान और प्रक्रियाओं का एक पैकेज तैयार किया है, ताकि बकाया राशि को चुकाया जा सके." रिपोर्ट में बताया गया है कि ये भुगतान दिसंबर 2016 से पहले कर दिए जाएंगे. सऊदी प्रेस एजेंसी के मुताबिक भुगतान में देरी का कारण तेल से मिलने वाले राजस्व में गिरावट है. इसके अलावा कई परियोजनाओं पर खर्च में कटौती की खबर भी एजेंसी ने दी है.
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2014 से अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल के दाम गिर कर आधे रह गए हैं. इसके बाद सऊदी सरकार ने तेल पर निर्भरता को कम करने का फैसला किया है. घाटे से निपटने के लिए सऊदी सरकार ने इस साल कई बड़े कदमों का एलान किया है जिनमें सरकारी कर्मचारियों के वेतन घटाना भी शामिल है. इसके अलावा सऊदी सरकार निजी क्षेत्र को बढ़ावा देने पर भी जोर दे रही है. दुनिया के सबसे बड़े तेल उत्पादक सऊदी अरब को 2016 में 87 अरब का बजट घाटा हो सकता है.
पिछले महीने सऊदी अरब की एक दिग्गज निर्माण कंपनी बिनलादेन समूह ने कहा कि सरकार ने कुछ भुगतान दिया, जिससे वो कर्मचारियों की कुछ तन्ख्वाहें दे पाई है. कंपनी ने निकाले गए अपने 70 हजार कर्मचारियों का बकाया चुका दिया है. एक अन्य बड़ी निर्माण कंपनी ओगर के दसियों हजार कर्मचारियों को वेतन नहीं मिले हैं. इस कंपनी का नेतृत्व फिर से लेबनान के प्रधानमंत्री बनने जा रहे साद हरीरी के हाथ में है.
एके/एमजे (एएफपी)