1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

अंधेरे की नगरी में ज्ञान का प्रकाश

२४ अक्टूबर २०१४

दिवाली के अवसर पर पाठकों से मिली हमे ढेर सारी शुभकामनाएं. साथ ही मिले उनके सवाल, हमारी रिपोर्टों पर उनके विचार भी.

https://p.dw.com/p/1Dbkx
Solar Indien
तस्वीर: dapd

राजस्थान से मालू हिनुनिया का सवाल है कि राजस्थान में सौर ऊर्जा पेनल कहां पर बनाये जाते हैं और कहना है कि मुझे मंथन बहुत अच्छा लगता है.

- मालू जी, राजस्थान तो सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के विभिन्न राज्यों में से एक है. जोधपुर, जैसलमेर और बीकानेर में तो सबसे ज्यादा सौर ऊर्जा प्रोजेक्ट चल रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो सौर परियोजनाओं पर काफी जोर दे रहे है. और जानकारी के लिए आप इंटरनेट पर देखें. सामान्य जानकारी के लिए यहां http://en.wikipedia.org/wiki/Solar_power_in_India और सौर ऊर्जा निगम की वेबसाइट के लिए यहां क्लिक करें http://seci.gov.in/contenthi/index.php

---

मनीष कुमार भरद्वाज लिखते हैं DW हिन्दी के सभी लोगो को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं. आप लोग दुनिया को अंधेरे की नगरी में ज्ञान का प्रकाश जलाते रहें , मंथन और नए नए कार्यक्रम के माध्यम से मानवों में ज्ञान का प्रकाश जलाते रहें. एक बार फिर आप सब को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं.

---

"यूरोप को समझने में सहायक होता जर्मन" ब्लॉग को पढ़ कर हमारे कुछ मित्रों ने हमें अपने विचार लिख भेजे हैं:

विवेक जोशी का कहना है जर्मन संस्कृति और भाषा दोनों ही बहुत अच्छी हैं. इनके बारे में तो स्कूलों में माध्यमिक कक्षा से ही जानकारी देनी चाहिए. मैं भी जर्मन भाषा सीखना चाहता हूं. परंतु गूगल में तो सीमित विकल्प हैं. डीडब्ल्यू हिन्दी को समय समय पर कुछ जर्मन शब्दों को अपनी वेबसाइट पर डालना चाहिए.

- विवेक जी हमारा पूरा कार्यक्रम है जर्मन सीखने का.. आप यहां जा कर सीख सकते हैं. http://www.dw.de//s-11089

प्रदीप विश्नोई सोचते हैं जर्मनी को बहुत से भारतीय पसन्द करते हैं, लेकिन हमें नहीं लगता जर्मन भी भारतीयों के बारे में अच्छा सोचते और जानते हैं .

शालिनी भटनागर लिखती है जर्मन और इंडिया के सहयोग को चलने देना चाहिए. यह दोनों देशों के हित में है. जर्मन DAAD फैलोशिप उच्च शिक्षा और उन्नति प्राप्त करने में भारतीय छात्रों की मदद करता है.

तुषार शर्मा लिखते हैं यह सही नहीं है कि जर्मन भाषा से भारत को नुकसान है. वैश्वीकरण के समय स्टुडेंट्स को एक विदेशी भाषा तो सीखनी चाहिए और जर्मन तो एक सर्वश्रेष्ठ भाषा है.

---

संकलनः विनोद चड्ढा